Puchri Ka Lota Temple Govardhan – लौठा बाबा का विरह स्थल

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Meta Description: जानिए Puchri ka Lota Temple Govardhan की अद्भुत कहानी, लोटा बाबा का प्रेम भरा विरह, मंदिर का इतिहास, दर्शन समय, और नजदीकी दर्शनीय स्थल – एक आध्यात्मिक यात्रा।

Puchri Ka Lota Temple

🕉️ परिचय – पूँछरी का लोटा मंदिर क्या है?

Puchri ka Lota Temple (या Poonchri ka Lautha Temple) गोवर्धन पर्वत के दक्षिणी छोर पर स्थित है, जिसे “गिरिराज गोवर्धन की पूँछ” कहा जाता है।
यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण के परम सखा लौठा बाबा (Lautha Baba) को समर्पित है, जो आज भी अपने प्रिय मित्र कृष्ण के लौटने की प्रतीक्षा में विरह भाव में बैठे हैं।

यह मंदिर गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा मार्ग (Govardhan Parikrama Route) का अंतिम पड़ाव है और भक्तों के लिए अत्यंत भावनात्मक स्थल माना जाता है।

📖 पौराणिक कथा – लोटा बाबा का विरह भाव

श्रीमद भागवत और ब्रज लोककथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण जब मथुरा और द्वारका जाने के लिए ब्रज छोड़ रहे थे, तो उनके मित्र लौठा बाबा ने उनसे कहा –

“मैं ब्रज भूमि नहीं छोड़ सकता, प्रभु! आप जब लौटेंगे, मैं यहीं आपका इंतज़ार करूंगा।”

श्रीकृष्ण ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि वे तब तक जीवित रहेंगे जब तक कृष्ण पुनः ब्रज लौटेंगे।
उस दिन से लौठा बाबा इस स्थान पर बैठकर अपने मित्र का इंतज़ार कर रहे हैं।
उनकी प्रतीक्षा और प्रेम का यह भाव आज भी हर भक्त के हृदय को स्पर्श करता है।

👉 Interesting Fact:
“Puchri” का अर्थ है “पूँछ” और “Lota” का मतलब होता है “गोल आकार”।
गोवर्धन पर्वत को मोर के आकार का माना गया है और उसका अंतिम भाग (tail portion) यही “Puchri” कहलाता है।
इसलिए यह मंदिर Punchri Ka Lota नाम से प्रसिद्ध हुआ।

🏞️ मंदिर का स्थान (Location)

Puchri Ka Lota Temple

  • 📍 Situated at: Southern end of Govardhan Hill, Mathura district, Uttar Pradesh
  • 🗺️ Distance from Mathura: लगभग 22 किलोमीटर
  • 🚗 Nearest Railway Station: Mathura Junction
  • 🛣️ By Road: दिल्ली से लगभग 140 किलोमीटर दूरी पर
  • 🚶‍♂️ Govardhan Parikrama: यह मंदिर 21 किलोमीटर की गोवर्धन परिक्रमा के अंत में स्थित है।
    कई भक्त इस स्थान तक पैदल पहुँचते हैं, क्योंकि यह यात्रा का अंतिम और सबसे भावनात्मक पड़ाव होता है।

🕰️ दर्शन समय (Temple Timings)

  • Morning Opening Time: 4:00 AM
  • 🌙 Closing Time: 10:00 PM
  • 💸 Entry Fee: कोई शुल्क नहीं
  • 🧘‍♀️ Best Time to Visit: Early morning या परिक्रमा के अंतिम चरण में शाम के समय।

यह मंदिर दिनभर खुला रहता है क्योंकि यह परिक्रमा मार्ग पर स्थित है। कई भक्त दिन-रात यहाँ रुककर भजन-स्मरण करते हैं।

🌼 दर्शन अनुभव – Darshan Experience

जब आप मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो आप लोटा बाबा की मूर्ति को “विरह आसन” में बैठे देखेंगे।
उनके मुख पर विरह और प्रेम दोनों की झलक दिखाई देती है।
मंदिर में वातावरण अत्यंत शांत और भक्ति-मय होता है — यहाँ घंटियों की ध्वनि, मिट्टी की सुगंध और राधा-कृष्ण नाम का कीर्तन वातावरण को पवित्र बना देता है।

💫 भक्त यहाँ आते हैं ताकि वे Lautha Baba ke Viraha Bhav को महसूस कर सकें —
वह प्रेम जो मित्रता से परे, आत्मा से जुड़ा हुआ है।

🌺 आस-पास के दर्शनीय स्थल (Nearby Places)

  1. Radha Kund – प्रेम और भक्ति का सर्वोच्च प्रतीक (4 km)
  2. Shyam Kund – कृष्ण स्नान स्थल, अत्यंत पवित्र (4 km)
  3. Mansi Ganga – गोवर्धन की प्रमुख सरोवर (3 km)
  4. Daan Ghati Temple – परिक्रमा मार्ग का प्रारंभिक बिंदु
  5. Govardhan Hill Parikrama – 21 किलोमीटर लंबी दिव्य परिक्रमा

📿 आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance)

  • यह मंदिर विरह भक्ति का सर्वोत्तम उदाहरण है।
  • यहाँ आकर हर भक्त यह अनुभव करता है कि सच्चा प्रेम केवल मिलन नहीं, बल्कि प्रतीक्षा भी है।
  • कहा जाता है कि जो भक्त Govardhan Parikrama पूरी श्रद्धा से करते हैं और अंत में Lautha Baba के दर्शन करते हैं, उनके सारे संकट दूर होते हैं।

ब्रजवासी कहते हैं —
“लौठा बाबा आज भी कृष्ण की राह देख रहे हैं, और जब तक वो लौटेंगे नहीं, बाबा की आँखें नम रहेंगी।”

🙏 यात्रा सुझाव (Travel Tips)

  • परिक्रमा करने वाले आरामदायक जूते या चप्पल पहनें।
  • गर्मियों में सुबह जल्दी या शाम को जाएँ।
  • मंदिर के आसपास प्रसाद, चाय-नाश्ते की छोटी दुकाने उपलब्ध हैं।
  • श्रद्धा और सादगी के साथ वस्त्र पहनें।
  • कैमरा ले जा सकते हैं, लेकिन मंदिर के अंदर पूजा के दौरान फोटो लेने से बचें।

🌄 निष्कर्ष – Why Visit Puchri Ka Lota Temple

Puchri Ka Lota Temple Govardhan केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि प्रेम और प्रतीक्षा का जीवंत उदाहरण है।
यहाँ की शांति, भक्तों का भाव और कृष्ण-भक्ति की सुगंध हर यात्री के मन को छू जाती है।
अगर आप Braj Yatra, Govardhan Parikrama या Mathura-Vrindavan Darshan की योजना बना रहे हैं, तो यह स्थान अवश्य शामिल करें।

यहाँ विरह भी पूजा है और प्रतीक्षा भी प्रेम।

🔗 FAQs – Puchri Ka Lota Temple Govardhan

Q1. Puchri Ka Lota Temple कहाँ स्थित है?
👉 यह मंदिर गोवर्धन पर्वत के दक्षिणी छोर पर, मथुरा से लगभग 22 किमी दूर स्थित है।

Q2. Puchri Ka Lota Temple का समय क्या है?
👉 सुबह 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक दर्शन के लिए खुला रहता है।

Q3. लौठा बाबा कौन थे?
👉 लौठा बाबा भगवान श्रीकृष्ण के सखा थे जो आज भी विरह भाव में कृष्ण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

Q4. क्या यहाँ दर्शन के लिए टिकट लगता है?
👉 नहीं, यह पूर्णतः निःशुल्क मंदिर है।

Q5. क्या यह Govardhan Parikrama Route पर आता है?
👉 हाँ, यह परिक्रमा का अंतिम बिंदु है।

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