Kans Qila Mathura: कंस किला (Kans Qila / Kans Fort) मथुरा की यमुना नदी तटवर्ती धरती पर खड़ा एक प्राचीन किला है, जिसे स्थानीय लोककथाएँ और इतिहास दोनों ही महत्त्व देते हैं। यह स्थान केवल ऐतिहासिक स्थापत्य का नमूना नहीं है — यह भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़े लोकस्मरणों और ब्रज की धार्मिक-सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है।

Kans Qila Mathura ka इतिहास — मयूर से मुग़ल तक और उसके बाद
कहानियों के अनुसार किले का नाम कंस (कृष्ण के मामा) से जुड़ा हुआ है — मान्यता है कि प्राचीन काल में यही कंस का किला था। इतिहासकारों के अनुसार वर्तमान संरचना का प्रमुख नवीनीकरण 16वीं शताब्दी में राजा मान सिंह (Man Singh I) ने करवाया था — वे जयपुर (अंबर) के शूरवीर राजपूत और मुगल सम्राट अकबर के सेनापतियों में से एक थे। इस नवीनीकरण के बाद किले ने कई बार ऐतिहासिक घटनाओं और शासकीय परिवर्तन देखे।
बाद में, राजस्थान के सुप्रसिद्ध राजा और खगोलशास्त्री सवाई जय सिंह (Sawai Jai Singh) ने किले के परिसर में एक वेधशाला (Observatory) स्थापित करने की योजना बनाई थी — यह उस समय के वैज्ञानिक और खगोलीय उत्साह का प्रतीक माना जाता है। हालांकि, आज उस वेधशाला के कोई ठोस अवशेष नहीं मिलते। इतिहासकारों के अनुसार Mathura की यह वेधशाला उनके अन्य Jantar Mantars (जयपुर, दिल्ली, उज्जैन, वाराणसी) की तरह बननी थी, पर योजना अधूरी रह गई।
ब्रिटिश काल और विनाश
19वीं सदी के उत्तरार्ध में, किला ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नियंत्रण में आ गया। कई वृत्तांत बताते हैं कि 1857 से ठीक पहले किले के कुछ हिस्सों को सरकारी ठेके पर दे दिया गया और ठेकेदार ज्योति प्रसाद (Jyoti Prasad) ने किले की दीवारों व ईंट-पत्थरों को तोड़कर सामान बेच दिया — जिससे किले का काफी नुकसान हुआ। यही कारण है कि आज किले की स्थिति जर्जर और क्षत-विक्षत दिखती है; कई संरचनाएँ पूरी तरह नष्ट या मलबे में बदल चुकी हैं।
Kans Qila Mathura, स्थापत्य और अवशेष
कंस किले की बनी हुई दीवारें और खंभे लाल-मिट्टी के रंग के हैं — जो क्षेत्रीय स्थापत्य की एक विशिष्ट पहचान बनाते हैं। किले में कभी भव्य Audience Hall, बुर्ज, और सजावटी दीवारें रही होंगी, पर आज उनमें से बहुत कम ही संरक्षित हैं। पुराने यात्रावर्णनों में इस किले को “riverfront defensive fort” कहा गया है, क्योंकि यह यमुना के बहाव और बाढ़ को रोकने में भी उपयोगी था।
किले की दीवारों पर कुछ पुराने नक्काशीदार पत्थर अब भी दिखाई देते हैं — ये राजपूत और मुगल स्थापत्य के मिश्रण को दर्शाते हैं।
Kans Qila Mathura ki वर्तमान स्थिति — क्या देखेंगे आप?
आज कंस किला (Kans Qila Mathura) मुख्यतः एक खंडहर (ruined fort) के रूप में दिखता है। हालाँकि संरचना पूरी तरह बरकरार नहीं है, लेकिन बड़ी-बड़ी दीवारों के टूटे-फूटे हिस्से, गोलाकार बुर्ज और नदी की ओर झुकी हुई प्राचीन दीवारें आज भी देखने लायक हैं।
अधिकांश पर्यटक और स्थानीय लोग किले के पास जाकर यमुना का दृश्य और Vishram Ghat से किले का प्रतिबिंब देखने आते हैं — इस नज़ारे से किले की प्राचीन भव्यता की झलक महसूस होती है।
Kans Qila Mathura कैसे पहुँचें (How to reach Kans Qila)
कंस किला मथुरा के Ratankund, Chowk Bazar इलाके में स्थित है। यह Shri Krishna Janmabhoomi, Dwarkadhish Temple और Vishram Ghat से बहुत नज़दीक है। मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन से यह लगभग 4 किलोमीटर दूर है और ऑटो-रिक्शा या ई-रिक्शा से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
Kans Qila Mathura टाइमिंग्स और घूमने का बेहतरीन समय
किले का परिसर किसी औपचारिक टिकटिंग सिस्टम के तहत नहीं आता, इसलिए इसे किसी भी समय देखा जा सकता है।
⏱️ खुला रहता है: 24 घंटे
🌅 घूमने का सबसे अच्छा समय: सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक
सुबह और शाम के समय यहाँ की रोशनी और यमुना का शांत वातावरण फोटोग्राफी और मेडिटेशन के लिए आदर्श होता है।
Kans Qila Mathura यात्रियों के लिए सुझाव (Travel Tips)
- किला काफी पुराना और जर्जर है, इसलिए टूटे हिस्सों के बहुत पास न जाएँ।
- गर्मियों में दोपहर से बचें — सुबह और शाम सबसे अच्छा समय है।
- पास के Vishram Ghat से किले का दृश्य अवश्य देखें, खासकर सूर्योदय या सूर्यास्त के समय।
- आसपास के मंदिरों का भी भ्रमण करें — Shri Krishna Janmabhoomi, Dwarkadhish Temple और Mathura Museum पास ही हैं।
- यदि आप इतिहास या फोटोग्राफी प्रेमी हैं तो यह जगह आपके लिए एक hidden gem है।
क्यूरेटेड अनुभव — क्या मिस न करें
- Vishram Ghat से किले की पार्श्व-छवि और यमुना का शांत पानी — सुबह की रोशनी में बेहद आकर्षक दिखता है।
- पास के Mathura Museum में जाकर ब्रज की ऐतिहासिक वस्तुएँ और मूर्तियाँ देखें — इससे किले के इतिहास को बेहतर समझा जा सकता है।
- स्थानीय गाइड से कंस किला और भगवान कृष्ण के संबंध में जुड़ी लोककथाएँ जानना एक अलग अनुभव देता है।
संक्षेप में
कंस किला (Kans Qila / Kans Fort, Mathura) भले ही अब जर्जर और आधा-खंडहर हो चुका है, लेकिन इसकी ऐतिहासिक महिमा, भगवान कृष्ण से जुड़ी कथाएँ और यमुना के किनारे की सुंदरता इसे मथुरा के सबसे दिलचस्प स्थलों में शामिल करती है।
यदि आप मथुरा की यात्रा पर हैं तो इस स्थल को जरूर देखें। यहाँ खड़े होकर आप कल्पना कर सकते हैं कि कभी यही वह दुर्ग था जहाँ अत्याचारी कंस शासन करता था — और यही वह भूमि है जहाँ कृष्ण ने अन्याय का अंत करने की प्रतिज्ञा ली थी।
📍 स्थान: Ratankund, Chowk Bazar, Mathura, Uttar Pradesh 281001
🕰️ समय: खुला रहता है 24 घंटे
🎯 घूमने का सबसे अच्छा समय: सुबह 6 AM से शाम 8 PM तक
🚶♂️ पास के प्रमुख आकर्षण: Vishram Ghat, Mathura Museum, Shri Krishna Janmabhoomi Temple, Dwarkadhish Temple
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