Dev Uthani Ekadashi 2025 – देव जागरण का शुभ पर्व | Date and Time, Parana Time, Puja Muhurat

Dev Uthani Ekadashi 2025 जिसे Prabodhini Ekadashi, Dev Utthana Ekadashi, या Devuthan Ekadashi भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, इसलिए इसे देव जागरण दिवस कहा जाता है।

चार महीनों का यह समय (जिसे Chaturmas कहा जाता है) देवताओं के विश्राम का काल होता है, और Dev Uthani Ekadashi से सभी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन, नामकरण आदि पुनः प्रारंभ किए जाते हैं।

Dev Uthani Ekadashi 2025

Dev Uthani Ekadashi 2025 Date and Timings

  • 🗓️ तिथि (Date) – 2 November 2025, Sunday
  • 🕕 Ekadashi Tithi Begins – 1 November 2025 at 10:48 PM
  • 🕕 Ekadashi Tithi Ends – 2 November 2025 at 09:20 PM
  • 🙏 Parana (व्रत खोलने का समय) – 3 November 2025, after 06:30 AM (sunrise)

Dev Uthani Ekadashi 2025 Vrat Katha (व्रत कथा)

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवता और असुरों के बीच युद्ध हुआ जिसमें असुरों ने विजय प्राप्त कर ली। तब देवता भगवान विष्णु के शरण में गए। भगवान विष्णु ने कहा कि “मैं चार माह तक योगनिद्रा में रहूँगा, उसके बाद जागकर तुम्हारा कल्याण करूंगा।”
चार महीने बाद जब भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागे, तभी से इस तिथि को Dev Uthani Ekadashi कहा गया।

एक अन्य कथा के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने देवी तुलसी से विवाह किया, जो Tulsi Vivah के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस दिन तुलसी विवाह भी किया जाता है।

🪔 Dev Uthani Ekadashi 2025 Puja Vidhi (पूजा विधि)

  1. स्नान और संकल्प: प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
  2. भगवान विष्णु की पूजा: विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर पर गंगाजल छिड़कें, फूल, धूप, दीप और तुलसी दल अर्पित करें।
  3. आरती और कथा श्रवण: विष्णु सहस्रनाम या गोपाला स्तुति का पाठ करें।
  4. रात में जागरण: कई स्थानों पर भजन संध्या और देव जागरण कार्यक्रम होते हैं।
  5. Tulsi Vivah: इस दिन घरों में तुलसी और शालिग्राम (विष्णु रूप) का विवाह किया जाता है, जिससे दाम्पत्य सुख और समृद्धि आती है।

महत्व (Significance of Dev Uthani Ekadashi 2025)

  • यह दिन भक्ति, जागरण और पुनर्जागरण का प्रतीक है।
  • देव उठनी एकादशी से ही शुभ मांगलिक कार्यों की पुनः शुरुआत होती है।
  • इस व्रत से पापों का नाश होता है और विष्णु कृपा प्राप्त होती है।
  • तुलसी विवाह करने से पुण्य और वैवाहिक सुख प्राप्त होता है।
  • यह एकादशी मोक्ष प्रदान करने वाली मानी गई है।

Dev Uthani Ekadashi 2025 in Different Places

  • Mathura–Vrindavan & Govardhan: यहाँ Tulsi Vivah और Vishnu Shobha Yatra का विशेष आयोजन होता है।
  • Varanasi: गंगा तट पर हजारों भक्त दीपदान करते हैं।
  • Rajasthan & Gujarat: गाँवों में तुलसी विवाह लोकगीतों और पारंपरिक नृत्य के साथ मनाया जाता है।
  • South India: इसे Uttana Dwadashi के रूप में मनाया जाता है।

Dev Uthani Ekadashi Vrat Rules (व्रत नियम)

  • एक दिन पहले यानी Dashami Tithi से ही लहसुन, प्याज, मांसाहार और नशा त्याग दें।
  • Ekadashi के दिन केवल फलाहार करें।
  • दिन भर विष्णु मंत्रों का जप करें –
    “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
  • व्रत का समापन Parana के समय करें।

💐 Spiritual Message

🌸 “जब देवता भी सोकर जागते हैं, तब संसार की नींद भी टूट जाती है।”
Dev Uthani Ekadashi हमें यह सिखाती है कि हर अंधकार के बाद जागरण होता है,
और हर ठहराव के बाद जीवन में गति आती है।

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